हमारा अवचेतन मन बहुत शक्तिशाली हैं |यह हमारे मन का ९०% भाग हैं किन्तु यह उस गाड़ी की भाति कार्य करता हैं जिसका ड्राईवर चेतन मन [१०%]हैं |आईये आज हम अवचेतन मन की शक्तियों के बारे में बात करतें हैं |
१]Riflex Action:-
मित्रों !अवचेतन मन की यह शक्ति हमे आपातकालीन स्थितियों से हमे बचाती हैं ,जैसे अग्नि पर पैर पड़ते ही अचानक हटा लेते हैं ,सांप को देखकर उलटे ही भाग खड़े होतें हैं |सीडी से गिरते गिरते संभल जातें हैं |पहले हम साईकिल सीखते हैं तो धीरे धीरे किन्तु जब हम पूरी तरह सीख जातें हैं तो लोगों से बात करते हुए भी सयिक्लिंग करते हैं |
२]टेलीपैथी :-
मित्रों! मुझे याद हैं कि २०१० में लखनऊ में मेरी एक मित्र हुआ करती थी ,मुझे फोन करने की आदत कम थी ,क्यूंकि मेरे फोन में तब बैलेंस नही हुआ करता था ,तो मैं शान्ति से बैठ जाता और मन ही मन मित्र को याद करता और कहता “मित्र !मुझे फोन कर” एक से ५ मिनट के भीतर ही उधर से मित्र का फोन आ जाता था | ईश्वर ने हमारे मन मस्तिष्क में एक TRANSMITTER और एक RECIEVER फिट कर रखा हैं जों इतना शक्तिशाली हैं की पूरे ब्रह्माण्ड में इतनी शक्तिशाली मशीन किसी इंसान ने नही बनायीं हैं |चूँकि हम इस मशीन को चलाना नही जानते इसलिए इसकी शक्तियों से अनजान हैं |
३]अंतरात्मा की आवाज़ [रडार –CONSCIENCENESS]:-
दोस्तों जब भी हम कोई गलत कार्य करतें हैं तो अंदर से आवाज़ आती हैं “ये गलत हैं”…भगवान ने इंसान को गलत कार्य से रोकने के लिए उसके भीतर यह रडार सेट कर रखा हैं जों अवचेतन मन के नियंत्रण में हैं |
४]यादशक्ति :-MEMORY के ३ स्टेप होते हैं :-
१]Ragister 2]Storage 3]Recalling
दोस्तों Ragister और Recalling चेतन मन की विषय वस्तु हैं |जबकि Storage अवचेतन मन से जुड़ा होता हैं |किन्तु यदि Storage सही से हुआ है तो Recalling आसान हो जाती है |
५]भावना का गुणांक [EMOTIONAL Quotient]:- दोस्तों भावना २ प्रकार की होती हैं –
१]सकारात्मक भावना:-प्रेम, दया, क्षमा, कृतज्ञता, प्रफुल्लता, Faith, Tolerance, करुणा|
२]नकारात्मक भावना :-डर, क्रोध, घृणा, ईर्ष्या, sadism, चिंता, निर्दयता आदि|
उच्च IQ ही सफलता का मानक नही हैं बल्कि EQव्यक्ति को सफल बनाता हैं |उच्च शिक्षित व्यक्ति कभी कभार कम EQ के कारण हमारे ORGANISATION को बड़ी हानि पहुंचाता हैं |मर्लिन मुनरो, अभिनेत्री दिव्या भारती, हिटलर, गुरुदत्त सभी बहुत उच्च IQ के थे पर इनमे EQ उच्च नही था |इन सबने आत्महत्या की थी|EQ बढ़ाने के लिए सकारात्मक भावनाओं को बढ़ाना होंगा |
6]Treasure of Knowledge[त्रिकाल ज्ञान]:-
हमारे अवचेतन मन से बहुत ,भविष्य ,वर्तमान कुछ भी नही छुपा हैं |यह त्रिकालदर्शी हैं ,यह भविष्य की घटनाओं को भांप लेता हैं और कभी कभार हमे चेताता भी हैं |संजय ने महाभारत की भविष्यवाणी इसी आधार पर की |इसी के आधार पर NOSTRADOMUS इतना प्रसिद्द हुआ |
७]प्रज्ञा/समझदारी /WISDOM:-
सही समय पर सही निर्णय लेना ही अवचेतन मन की विशेषता हैं |जब भी आप किसी गफलत में पढ़ने वाले हों निर्णय आप अवचेतन मन पर छोड़ दें यह आपके विश्वासों के अनुरूप सबसे उत्तम रिजल्ट लाएंगा|
८]आयोजन कर [PLANNING]:-
ज्यादातर प्लानिंग हम चेतन मन से करते हैं ..इसको ह्यूमन प्लानिंग कहते हैं ,जिसमे हम अक्सर फेल हों जाते हैं तब हम कहते हैं “man proposes but god disproposes”.भगवान का तो कुछ बिगाड़ नही सकते ,बिगाड़ सकते हैं तो सिर्फ अपना हीं|
किन्तु जब हम अर्धजग्रित मन से प्लानिंग करते हैं तो यह devine planning
होती हैं जों हर हाल में पूरा होती ही हैं |अक्सर मेरे लक्ष्य अर्धजग्रित मन द्वारा planned होते हैं |
9]अवसर खड़े करना [creats opportunity]:-
हमारा अर्द्ध जागृत मन हमारे लिए अवसर क्रियेट करता हैं |इलाहाबाद में मैं पढ़ा लिखा ,उस दौरान एक ऐसा समय आया था , जब मेरे पास पाकेट मनी तक नही थी,बाहर ना घूमने वा अंतर्मुखी स्वभाव के होने के कारण लोगों से पहचान तक नही थी |मैंने यह समस्या अवचेतन मन को सौंप दी |मुझे एक दिन प्रेरणा प्राप्त हुयी की मैं एक पुस्तक लिखूं ,पढ़ाई तकनीकों पर |मैंने लिखा परिणाम ये हुवा की वह पुस्तक हांथो हाथ बिकी |कालेजो से लेक्चर के लिए रिक्वेस्ट आने लगी |सैकड़ों छात्र मेरी क्लासेज में पढ़ने के लिए इस तरह से उतावले होते की जैसे मैं कोई बड़ी सेलेब्रटी{फिल्मस्टार} हूँ |मैंने अपनी खुद की कोचिंग बनायीं और खुद को इतना मजबूत बना लिया आर्थिक रूप से की आज मैं अपनी मेडिकल की फ़ीस खुद भर सकता हूँ |
१०]mental clock:-
दोस्तों हमारे अवचेतन मन के पास एक नैशर्गिक घड़ी हैं |जों हमे एक सही समय पर उठा देती हैं |मैं कभी अलार्म घड़ी सेट नही करता बल्कि अपने मन को कमांड दे देता हूँ की मुझे अमुक समय पर उठाना हैं मन विना देरी किये उठा देता हैं |
११]मानसिक कैलेंडर :-
मित्रों आपको जीवन में जों भी पाना हैं उसकी एक निर्धारित समय सीमा का उल्लेख जरुर किजीयें |तभी अवचेतन मन उस पर सही से कार्य कर पाएंगा |आपको कोई गोल किस वर्ष प्राप्त करना हैं ?कौन सी गाड़ी कब खरीदनी हैं ?सबका लिखित लेखा जोखा होना चाहिये ,यदि आप दुनिया की सबसे शक्तिशाली शक्ति को [अवचेतन मन ] को काम पर लगा रहें हों |…
१२]इच्छा-मृत्यु [control over death]:-
डॉ दीपक चोपड़ा ने एक पुस्तक लिखी हैं :”Ageless Body,Timeless Mind”जिसका सारंश यह हैं की अपनी मृत्यु हम खुद चुन सकतें हैं की कहाँ मरना हैं?कब मरना हैं ?किस स्थिति में मरना हैं ?..PLACE, MODE AND TIME….
दोस्तों ऐसे केस शायद आपने देखे होंगे जब डॉ ने रोगी को मरणासन्न स्थिति में घर भेज दिया हों और रोगी बच गया हों या डॉ ने कह दिया हों की अब तू मरने वाला हैं पर रोगी बच गया हों |डॉ भगवान नही हैं |ना ही हमारे अवचेतन मन से उसका मुकाबला हैं,kyunki ज्यादातर डॉ चेतन मन से इलाज करते हैं |
१३]HEALING POWER:-
मैंने एक ऐसा व्यक्ति देखा हैं जों लगातार सोच सोच कर अपने शरीर में कंसर उत्पन्न कर लिया था और कैंसर भी इतना भयानक की टाटा हास्पिटल मुम्बई के डाक्टरों ने जवाब दे दिया था |बाद में उसको लुईस हे की “YOU CAN HEAL YOUR LIFE” बुक मिली ,पढ़कर वह पूरी प्रोसेज समझ गया और अपने एहसास और भावनाओं को बदला ,फिर दो महीने बाद कैंसर जड़ से खत्म ही हों गया ,डॉ तो हैरान ही रह गयें |दुनिया की सबसे शक्तिशाली हीलिंग पावर हमारे अवचेतन मन के पास हैं यह कोई बीमारी उत्पन्न भी कर सकता हैं तथा प्रोसेज को रिवर्स कर ठीक भी कर सकता हैं |
१४]स्वास्थ्य :-
जब भी आप से कोई पूछता हैं -:कैसे हों”?आप क्या कहते हों “FINE”..यह कहने का तात्पर्य हैं आप अपने अवचेतन मन को कह रहें हैं की सब ठीक हैं कुछ करने की जरूरत नही हैं |अवचेतन मन हमारे AUTONOMOUS NERVOUS SYSTEM पर पूरा कंट्रोल रखता हैं ,जों की हमारे शरीर में पाचन ,श्रावण,हारमोन पैदा कर, नियंत्रण के लिए जिम्मेदार होता हैं जब भी हम चेतन मन के माध्यम से कोई भी निगेटिव कमांड अवचेतन मन को देते हैं तो बीमारी पैदा होतीं हैं |
आप कहिये जवाब में “BETTER AND BETTER”…यानी कल जितना अच्छा था आज उससे भी और ज्यादा अच्छा हूँ |
१५]CONTROL OVER PAIN :-
दोस्तों आपने विपशयना केन्द्र के बारे में सुना ही होंगा |इसके जों हेड हैं गोयनका जी ,उनको माईग्रेन की बीमारी थी |विपश्ना करने के बाद उनकी बीमारी पूरी तरह ठीक ही हों गयी |और फिर उन्होंने अपना उद्योग धंधा छोड़कर अपना पूरा जीवन इसी को दे दिया |विपश्यना यानि “मन की रिप्रोग्रम्मिंग” |
१६]क्रिएटिव थिंकिंग [CREATIVE THINKING]:-
Ordinary thinking:-चेतन मन से |
creative thinking:-अवचेतन मन से |
दोस्तों वाल्ट डिज्नी ,पंडित रविशंकर,लिनार्दो दा विन्ची आदि सभी ने क्रिएटिव थिंकिंग कर दुनिया को अनमोल रत्न दिया |लिनार्दो दा विन्ची को Wisest man of world कहा जाता हैं |
१७]Control over every part of body:-
महान महर्षि योगी जिन्होंने श्री श्री रविशंकर और डॉ दीपक चोपड़ा को tm meditation सिखाया, जब खुद ध्यान में होतें थे तो हवा में उपर उठ जातें थे |इसको yogic flying कहतें हैं |हमारा अवचेतन मन परम शक्तिशाली हैं |इसका हमारे शरीर के हर भाग पर काबू होता हैं |
१८]सारे विश्व के उपर असर [influence over universe]
मित्र जब तानसेन ने दीपक राग’ गया तो आग भड़क उठी ,ताना रे रे ने राग मल्हार गाया तो बारिश होने लगी |सीता मईया के एक कमांड से धरती फट गयी और् सिर्फ राम नाम लिखने से पत्थर तैरने लगे !कौन सा विज्ञान यह सब की व्याख्या करता हैं |यह सब अवचेतन मन की शक्तिया हैं |
मेरे गुरू/आराध्य देव श्री श्री रविशंकर जब बंगलौर में अंतर्राष्ट्रीय आश्रम में होते हैं तब उनकी इच्छा से बादल आते हैं ,बरसते हैं |आप कभी भी आश्राम में आकर यह देख सकते हों |वहाँ के साप,विछुओ,हिंसक जानवरों तक में से हिंसा खत्म हों गयी हैं |वहाँ हमेशा हरियाली रहती हैं यह मेरे गुरू की अवचेतन मन की शक्तियों का एक छोटा नमूना मात्र हैं |
१९]अपार सर्जन शक्ति :-दोस्तों ताजमहल ,एफिल टावर ,रिलायंस ,आदि अपर सृजन शक्ति के उदाहरण हैं |हम सभी अवचेतन मन का इस्तेमाल कर अपनी मन पसंद श्रृष्टि निर्मित कर सकतें हैं |
२०]निजी भगवान :-
दोस्तों हर धर्म में भगवान से हम क्या चाहतें हैं –प्रेरणा,उर्जा ,मार्गदर्शन |यह सब अवचेतन मन हमे देता हैं इसलिए इसे मैं हरेक व्यक्ति का निजी भगवान कहता हूँ |
21]SQ[आध्यात्मिकता का अंक]:-
दोस्तों आपके अनुसार आध्यात्मिकता क्या हैं ?कमेन्ट के माध्यम से जरूर बतायियेंगा !
मेरे अनुसार मन ,वचन ,कर्म की एकरूपता ,जों औरो को खुश करें वही आध्यात्मिकता हैं |
मेरे हिसाब से आध्यात्मिकता क्या हैं ??
१]To do job with honesty
2]To repay a loan in time
3]to keep a promise
4]to maintain a value in business
SQ>EQ>IQ
२२]चुम्बकीय शक्ति [मैग्नेटिक पावर]:-
दोस्तों हम सभी एक चुम्बक हैं और अपने जीवन में हर उस चीज को खीच सकते हैं जों हमे पसंद हों |किन्तु इस मैग्नेट को हमे हमेशा चार्ज करते रहना होंगा |इसके लिए “शबरी तकनीक” अपनाना पड़ेगा |जैसे राम ..राम हमेशा शबरी करती गयी और राम को जाना ही पड़ा वैसे ही आपको जों चाहिये बस उसी के बारे मे सोचे ,करें |पैसा चाहिये तो पैसा पैसा पैसा …..पावर चाहिये तो पावर पावर …..अनथक अविरत करते रहे ..यह हर हाल में आपकी दुनिया में प्रकट होंगा |यह हर हाल में होंगा हीं|
-Dr. Ajay Kumar Yadav का आभार इस लेख के लिए.
Source: http://drakyadav.blogspot.in/2012/09/blog-post.html